हॉट सिस फक स्टोरी मेरी चचेरी बहन की चुदाई उसी की ससुराल में की है. जीजू विदेश गये हुए थे. मैं दीदी की मदद के लिए उनके घर में रहता था.
हैलो फ्रेंड्स, मैं अक्की एक बार फिर से अपनी दीदी की दमदार चूत चुदाई की कहानी में आपका स्वागत करता हूँ.
अब तक आपने पढ़ा था कि मैं दीदी की चूत में अपना मोटा लंड पेले हुए उनकी ताबड़तोड़ चूत चुदाई कर रहा था. दीदी भी मेरे लंड से चुद कर काफी मस्त हो गई थीं.
अब आगे हॉट सिस फक स्टोरी:
हम दोनों पसीने से लथपथ हो गए थे और फच्च फच्च थपथप थपथप फच्च फच्च की मादक आवाज हम दोनों की उत्तेजना को बढ़ाने में सहायक हो रही थी.
उसी समय दीदी की आवाज एकदम से थरथराने लगी और वो अपने बदन को ऐंठाने लगीं.
मैं समझ गया कि दीदी की चूत का काम तमाम होने ही वाला है.
मैंने अपने धक्के एकदम से तेज कर दिए और दीदी ने अपनी चूत का पानी फैंक दिया.
दीदी की चूत के गर्म पानी से मेरे लंड ने भी हार मान ली और अब मेरा शरीर भी अकड़ने लगा.
मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और उनकी चूत में मेरे लंड का पानी निकल गया.
मैं झड़ कर उनके ऊपर ऐसे ही लेट गया.
कोई आधा घंटा बाद शायद आवाज और झटकों की वजह से या भूख लगने के कारण उनकी बेटी जग गई थी और रोने लगी.
मैं जल्दी जल्दी उठा और अपने रूम में चला गया.
अगली सुबह मैं करीब 9 बजे सोकर उठा और फ्रेश हुआ. हम दोनों ने एक साथ नाश्ता किया.
वह बिल्कुल नॉर्मल दिख रही थीं. बस उनके चेहरे पर अलग ही खुशी झलक रही थी.
हम दोनों में से किसी ने रात के बारे में जिक्र नहीं किया.
मैं भी बेफिक्र होकर मैच खेलने चला गया और दीदी मार्केट चली गईं.
पूरा दिन इसी तरह बीत गया लेकिन मैं बहुत खुश था.
रात में खाने के बाद करीब 9 बजे दीदी बाथरूम में नहाने चली गईं.
मैं छत पर घूम रहा था.
उस दिन काफी गर्मी पड़ रही थी, हल्की बारिश की वजह से उमस भी थी और लाईट भी नहीं थी.
हमारा छत पर ही सोने का प्लान था.
वह नहाने के बाद ऊपर आईं, काफी खुश लग रही थीं.
दीदी मेरे पास आकर खड़ी हो गईं.
उनके शरीर से मस्त सी खुशबू आ रही थी.
मैं धीरे धीरे मदहोश हो रहा था, लेकिन मैंने कुछ कहा नहीं.
उनकी बेटी जगी हुई थी. मेरे मोबाइल में गेम खेल रही थी.
हम दोनों दीवार के पास कोने में खड़े थे.
मैंने पूछा- इतनी रात में क्यों नहाई हो?
उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा- बाल साफ करने थे.
मैंने बोलो- गंदे ही कब थे?
उन्होंने फिर से मुस्कुरा कर कहा- मेरे भोले भाई, नीचे के बाल साफ़ करने थे काफी बड़े हो गए थे.
इतना कह कर शर्माती हुई दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया.
फिर उन्होंने कहा- देखो भाई, ये सब बातें हम दोनों के बीच ही रहनी चाहिए, किसी को हॉट सिस फक स्टोरी का पता चला तो बदनामी हो जाएगी. मेरे पति के बाद तुम ही हो जिसके साथ यह सब हुआ. आज तक किसी गैर के पास नहीं गई हूँ. तुमने नहीं किया होता, तो यह सब नहीं हुआ होता.
यह सुनकर मैं थोड़ा मायूस हो गया.
फिर उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा- लेकिन मुझे अच्छा लगा.
मैं उनसे नजरें मिलाते हुए बोला- कुछ कमी रह गई हो, तो माफ कर देना क्योंकि यह मेरा फर्स्ट टाइम था, सब जल्दी जल्दी के चक्कर में हुआ. वैसे भी आप मान भी नहीं रही थीं और आपका छेद भी बहुत टाइट भी था.
दीदी मुस्काने लगीं.
मैं- लेकिन मैंने तो सुना था कि जिनका बच्चा हो जाता है, उनका छेद इतना टाइट नहीं रहता और उनको दर्द भी कम होता है? लेकिन आपका इतना टाइट कैसे था … और आप काफी आवाजें भी कर रही थीं?
नेहा दीदी मुस्कुराती हुई- मेरा छेद इसलिए टाइट है, क्योंकि मेरी बेटी आपरेशन से हुई है. और आवाजें इसलिए कर रही थी कि तुम्हारा वो भी बहुत बड़ा है, इतना बड़ा तो तुम्हारे जीजू का भी नहीं है.
मैंने दीदी की शर्म खत्म करने के लिहाज से पूछा- मेरा वो क्या बड़ा है?
दीदी शर्माती हुई धीरे से बोली- लंड … मुझे लगा था कि तुम्हारा छोटा सा होगा लेकिन इतना बड़ा … बाप रे … मैं तो मर ही गई थी. लेकिन मजा बहुत आ रहा था.
मैं- लेकिन मैं अब भी आपसे नाराज हूँ.
नेहा दीदी- क्यूं?
मैं- आपने अपनी चूत मुझे देखने भी नहीं दी.
नेहा दीदी- अब देख लो ना … मैंने मना नहीं किया है.
इतना कह कर दीदी ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया और मुस्कुराने लगीं.
मैं साड़ी के ऊपर से उनकी चूत को सहलाए जा रहा था.
अभी भी उनकी बेटी और घर के बाकी लोग जागे हुए थे, मैं इसलिए कुछ कर नहीं रहा था, थोड़ा डर रहा था.
वे समझ गईं और बोलीं- किसी को कुछ नहीं पता चलेगा. वैसे भी दीवार काफी ऊंची है, तुम नीचे बैठ जाओ. मम्मी पापा नीचे हैं. नीचे तक आवाज नहीं जाती है.
मैं नीचे बैठ गया.
उन्होंने अपनी साड़ी को ऊपर कर दिया.
चांदनी रात थी, मुझे सब कुछ साफ साफ दिखाई दे रहा था.
उनकी टांगें काफी खूबसूरत थीं, उन्होंने पिंक कलर की पैंटी पहन रखी थी. उनकी ये पैंटी इतनी पतली थी कि उनकी चूत की दरार मुझे साफ़ दिखाई दे रही थी. मन तो कर रहा था कि काट कर खा जाऊं.
मैंने उनकी पैंटी नीचे की तरफ खींचा, आह … अन्दर का क्या मस्त नजारा था. किसी जन्नत से कम नहीं था.
इतनी गोरी चिकनी चूत पहली बार देख रहा था, कोई भी पहली बार देखता, तो पागल हो ही जाता.
मुझसे रहा नहीं गया मैंने झट से अपना मुँह उनकी चूत पर लगा दिया और चूसने लगा.
एकदम ठंडा नमकीन जैसा, मुझे तो बहुत ही मजा आ रहा था. जी तो कर रहा था, बस चूसता ही जाऊं.
वह मस्ती में एक हाथ से अपने चूचे को दबा रही थीं और एक हाथ में मेरे सर को सहला रही थीं.
करीब 5 मिनट तक ऐसे ही उनकी चूत चाटता रहा.
फिर उन्होंने मुझे ऊपर की तरफ खींचा और मेरे होंठों को काटने लगीं.
मुझे बहुत ही मजा आ रहा था.
फिर 3-4 मिनट किस के बाद वह नीचे बैठ गईं और मेरे पैंट को नीचे कर दिया.
मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी मुँह में डाल लिया और रंडी की तरह लंड चूसने लगीं.
मानो मैं तो जन्नत में था, मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे. वह जोर जोर से लंड चूसे जा रही थीं.
अब ‘फच … फच सर्रे … सर्रे …’ की आवाजें आ रही थीं.
कुछ ही समय में मैं झड़ने वाला था, मैंने उनको अपनी तरफ ऊपर खींचा.
उन्होंने पूछा- क्या हुआ?
मैंने बोला- मैं झड़ने वाला हूं.
नेहा दीदी- कोई नहीं, मेरे मुँह में ही झड़ जाओ. मैं भी तो देखूं मेरे भाई का रस कैसा है?
वो फिर से लंड चूसने लगीं. इस बार कुछ जल्दी जल्दी चूस रही थीं.
मैं एक मिनट बाद ही उनके मुँह में ही झड़ गया.
उन्होंने लंड का पूरा रस पी लिया और अपनी जीभ से चाट कर मेरा लंड को भी साफ कर दिया.
अब मेरा लंड शांत हो गया था.
वे खड़ी होकर मुझसे लिपट गईं और फिर से किस करना शुरू कर दिया.
मैं धीरे धीरे उनके चूचों को दबाता कभी कभी उनकी गांड को दबाता.
अब मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था.
उन्होंने मेरा लंड हाथ में लिया और बोलीं- इतनी जल्दी यह फिर से खड़ा हो गया?
मैंने बोला- दीदी, यह अब आपकी चूत को चोदना चाहता है.
नेहा दीदी- इतनी जल्दी … नहीं अभी पूरी रात बाकी है. अच्छे से मजे लेकर करेंगे.
फिर मैंने उनकी साड़ी और ब्लाउज को खोल कर वहीं फैंक दिया. पेटीकोट के ऊपर से ही उनकी चूत को रगड़ने लगा.
अब तक उनकी बेटी सो चुकी थी.
हम दोनों जल्दी से बिस्तर पर गए और एक दूसरे पर टूट पड़े.
उन्होंने जल्दी जल्दी अपनी पैंटी निकाली और हम दोनों 69 की पोजीशन में आकर एक दूसरे को चाटने लगे.
अभी भी हम दोनों ने अपने पूरे कपड़े नहीं निकाले थे.
मैंने पूरे कपड़े निकालने के लिए बोला लेकिन उन्होंने मना कर दिया और बोलीं- कोई आ गया तो प्रॉब्लम हो जाएगी.
दस मिनट ऐसे ही चलता रहा.
कुछ देर बाद मैंने नेहा दीदी की गांड के नीचे तकिया लगाया, अपने लंड को नेहा दीदी की चूत में घुसा दिया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा.
नेहा दीदी- आहह हह ऊईई आहह सीईई आह मजा आ गया.
उनकी सिसकारियां तेज़ होने लगीं.
मैं जोर जोर से नेहा दीदी को चोद रहा था.
“आहह भाई चोद मुझे … और चोद आहह आहह फ़ाड़ दे … आहह हहह चोद मुझे … ले ले मेरी आहह.”
अब मैंने उनकी दोनों टांगों को चौड़ा कर दिया और लंड को चूत की गहराई तक पेलने लगा.
हम दोनों पसीने से लथपथ हो गए थे.
नेहा दीदी की चूत ने पानी छोड़ दिया और लंड फच्च फच्च फच्च करके अन्दर बाहर होने लगा.
मैंने लंड निकाल लिया और उनकी चूचियों को मसलने लगा.
वो बोली- भाई चोद मुझे … और चोद … आज मेरी प्यास मिटा दे.
मैंने लंड को उनके मुँह में डाल दिया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा.
फिर मैंने उन्हें बिस्तर पर घोड़ी बनाया और पीछे से दीदी की चूत में लंड घुसा दिया.
मैं तेज़ तेज़ झटके मारने लगा.
वो सिसकारियां भरने लगीं- आहह हह मेरे राजा … और तेज़ तेज़ … आहह … आहह … चोद चोद चोद मुझे … मार ले मेरी … आहह.
नेहा दीदी अपनी गांड को पीछे करके लंड लेने लगीं.
अब मैंने नेहा दीदी को पलट दिया और उनकी चूत में लंड घुसा कर गपागप गपागप अन्दर बाहर करने लगा.
थोड़ी देर बाद उनका और मेरा पानी निकल गया और दोनों चिपक कर लेट गए.
बीस मिनट बाद नेहा दीदी फिर से मेरे लौड़े से खेलने लगीं.
मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा और चूसने लगा.
इससे मेरा लौड़ा खड़ा हो गया.
उन्होंने देर ना करते हुए लंड मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और लंड को मस्त कर दिया.
मैंने उनकी चूत को चाट कर गीला कर दिया और उनकी टांगों को अपने कंधे पर रख कर लंड को अन्दर घुसा दिया.
‘आहह हहह ऊईईई मर गई भाई धीरे ऊईई.’
उनकी चीख कुछ ही झटकों में सिसकारियों में बदल गई.
उन्हें भी मज़ा आने लगा.
गपागप गपागप चुदाई चलने लगी.
वो बोलीं- भाई तेरी जीजू मुझे ऐसे कभी नहीं चोदा. आज जीभर के चोद दे. आहह ऊईईई आ हहह.
चुदाई की आवाज पूरे छत पर गूंजने लगी थी.
कुछ देर बाद मैंने नेहा दीदी को घोड़ी बनाया और उनकी चूत में अपने लंड को घुसा दिया.
“आहह हऊ हह ऊईईई ऊईई मां बचाओ … मर गई … मेरी चूत फट गई … मां बचाओ … भाई निकाल लंड.”
मैं चुप रहा और धीरे धीरे उनकी चूचियों को मसलने लगा, उन्हें चूमने लगा.
थोड़ी देर बाद उनका दर्द कम हुआ तो मैंने लंड को चलाना शुरू कर दिया.
नेहा दीदी ‘आह आहह हहह …’ की आवाज करके लंड लेने लगीं.
दीदी भी अब गांड आगे पीछे करने लगी थीं.
फिर दीदी ने कहा- मुझे ऊपर आना है.
मैंने ओके कहा और दीदी को अपने लंड पर बिठा कर लंड की सवारी करवाने लगा.
ऐसे में दीदी की चूचियां भी चूसने को मिल रही थीं.
दीदी बोलीं- तेरे लंड में बड़ा दम है अक्की. मजा आ गया.
मैंने कहा- मुझे आपकी गांड मारने का दिल करता है दीदी.
दीदी बोलीं- वो भी मार लेना … पर अभी मेरी चूत की आग तो बुझा दे.
मैंने ओके कहा और गांड उठा कर दीदी को चोदना शुरू कर दिया.
कुछ ही देर में हम दोनों पसीने से लथपथ हो गए.
दीदी झड़ गई थीं तो थप-थप थप-थप की आवाज आ रही थी.
अब मेरा शरीर भी अकड़ने लगा था. मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उनकी चूत में पानी निकल गया.
मैं उन्हें पलटा कर उनके ऊपर लेट गया.
हम दोनों सो गए.
दोस्तो, ये थी नेहा दीदी के साथ चुदाई की Xxx कहानी!
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लंड क्रेजी बेब सेक्स कहानी में मैंने अपने कॉलेज का सबसे बांका लड़का पटाया. हम वीडियो सेक्स करने लगे थे और मैं उसका लंड अपनी चूत में लेने को बेताब थी.
मेरा नाम मीरा यादव है, मैं 22 साल की कमसिन कली हूँ.
मेरा 34-30-36 का बदन ऐसा है कि बहुत से लड़के मेरे रूप के दीवाने हैं.
मेरे 34 इंच के दूध एकदम तने हुए हैं.
जब मैं बाथरूम में आईने में अपने नंगे जिस्म को निहारती हूँ तो मैं खुद ही अपने तने हुए मम्मों की दीवानी हो जाती हूँ.
मेरे दोनों दूध जरा से भी ढलके हुए नहीं हैं.
जब मैं हाई हील की सैंडल पहनती हूँ तो मेरे दोनों दूध किसी तोप की तरह सामने वाले की आंखों में घुस जाते हैं और उसकी आंखें चुँधिया जाती हैं.
मेरे कॉलेज का पॉपुलर लड़का मेरा ब्वॉयफ्रेंड है.
उसका नाम आकाश है. आकाश की बॉडी बहुत मस्त है.
उसका 8 इंच का लंड आम इंडियन लड़कों के जैसा न होकर एकदम दूध सा गोरा है.
यही उसकी खासियत है.
मैं बहुत प्यार से उसके लंड को चूसती हूँ. जब उसके दोनों टट्टे सहलाती हुई लंड को चूसती हूँ तो आकाश की गर्म आहें निकलने लगती हैं और वह मेरे दूध मसलते हुए मेरे गले तक अपने लौड़े को पेलने लगता है.
मेरे कॉलेज ही सभी लड़कियां उससे चुदवाने की ख्वाहिश रखती हैं.
पर उसके लंड से चुदवाने का मौका सिर्फ मुझे ही मिला था.
वह बड़ी मुहब्बत से मेरी चुत चुदाई करता है और आज मैं उससे अपनी पहली चुदाई की लंड क्रेजी बेब सेक्स कहानी लिख रही हूँ.
उन दिनों कॉलेज की छुट्टियां चल रही थीं.
इसी कारण मैं आकाश से नहीं मिल पा रही थी. उसे मेरी … और मुझे उसकी याद आने लगी थी.
हम दोनों एक दूसरे से वीडियो कॉल पर बात किया करते थे.
वह मुझसे काफी सेक्सी बातें करता था.
उसकी बातों से ही मेरी चुत में पानी आ जाता था.
फिर जब वह मुझे अपना लंड दिखाता था तो मैं मोबाइल की स्क्रीन चाट कर उसके लंड को चाटने की कामना जाहिर करती थी.
फिर वह मेरी चुत चाटने के लिए अपनी जीभ निकालता तो मैं स्क्रीन पर अपनी चुत दिखाने लगती थी.
एक दिन उसने मुझसे कहा कि कल मिलते हैं.
मैं भी उससे मिलना चाहती थी इसलिए मैंने झट से हामी भर दी.
मैंने उससे पूछा- आकाश हम मिलेंगे कहां? अगर मेरे घर वालों ने देख लिया तो मेरे लिए बहुत परेशानी हो जाएगी!
उसने कहा- तुम चिंता न करो बेबी, मैं कुछ करता हूँ.
अगले दिन उसने मुझे कॉल किया कि उसके दोस्त ने एक रूम बुक किया है, वहां हम दोनों मिल सकते हैं.
मैंने भी हां कह दिया क्योंकि मेरी चुत लंड के लिए भभक रही थी.
उसने कहा- कल सुबह दस बजे रेडी रहना, मैं कॉलेज के पास से तुम्हें पिक कर लूँगा.
उसी रात में वह मुझसे सेक्सी बातें करने लगा.
मेरी चुत में आग लगने लगी.
अब बस मुझे उसके लंड से किसी भी तरह चुदना था!
मैं रात में अपनी चुत की आग मिटाने अपनी चुत में उंगली डालने लगी.
कुछ देर बाद मेरी चुत ने अपना गर्म गर्म पानी निकाल दिया और मैं सो गई.
सुबह मैं उठ कर रेडी हुई मैंने अपनी चुत को रगड़ रगड़ कर साफ करके चिकनी की और उस पर मैंगो फ्लेवर वाला फूड ग्रेड वाला जैल लगा कर उसे महका दिया.
अब मेरी चुत से आम की खुशबू आ रही थी.
मैं आकाश से मिलने के लिए बेहद बेचैन थी और रात से ही मेरी चुत लंड की आग में जल रही थी.
मैंने सेक्सी ब्रा और पैंटी पहन ली.
यह ब्रा नेट की थी, जिसमें से मेरी चूचियों के निपल्स भी दिख रहे थे और चुत भी मैंने थोंग पैंटी पहनी हुई थी, जो सिर्फ चुत को तिकोने कपड़े से ढक रही थी.
बाकी का हिस्सा शीशे की तरह चमक रहा था क्योंकि मैंने झांटों के बाल भी निकाल लिए थे.
इस पैंटी में मेरे दोनों चूतड़ एकदम नग्न थे, दोनों चूतड़ों के बीच एक पट्टी मेरी गांड की दरार को ढके हुई थी.
मैंने जीन्स टॉप पहना, अपना चेहरा एक स्कार्फ से कवर किया और ठुमकती हुई निकल गई.
मैंने घर पर कह दिया था कि मैं कॉलेज जा रही हूँ, उधर मुझे कुछ जरूरी काम है तो समय लग सकता है.
मम्मी ने ओके कह दिया.
मैंने कॉलेज के पास जाकर आकाश को कॉल किया.
वह कार से आया था ताकि कोई बाइक पर मुझे और उसे एक साथ में ना देख ले.
कार में बैठ कर मैंने अपना चेहरा खोला तो आकाश मुझे वासना से देखने लगा.
वह मुझे ऐसे देख रहा था, जैसे उसके दिल में आग लगी हो मुझे चोदने की.
हम दोनों ने एक लंबा किस किया और कुछ देर बाद हम दोनों होटल के रूम में पहुंच गए.
वहां का नजारा देख कर मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं.
वहां पूरे बिस्तर पर और फर्श के कालीन पर फूल बिखरे हुए थे.
वह कमरा पूरा ऐसे सज़ा हुआ था मानो उधर सुहागरात मनाई जाने वाली हो.
सच में वह रूम वैसा ही सजा था, जिसे मैं देखती ही रह गई.
आकाश ने कहा- तुम्हें अच्छा लगा ना?
मैंने कहा- हां बहुत.
वह मेरे करीब आया और मुझे किस करने लगा.
मैं भी उसका साथ देने लगी.
धीरे धीरे उसने मेरे बूब्स दबाने शुरू किए और मेरी गर्दन पर किस करने लगा.
मैं वासना से सिसकारने लगी और उसे अपनी ओर खींचने लगी.
वह समझ गया कि मैं गर्म हो गई हूँ.
तभी एक ही झटके में उसने मेरे टॉप को मेरे सर के रास्ते से निकालते हुए मेरे जिस्म से अलग कर दिया.
अब रेशमी ब्रा में कसे और उभर कर दिखते हुए मेरे बूब्स उसकी आंखों में न/शा भरने लगे
वह बहुत ज़ोर ज़ोर से मेरे दूध दबाने लगा और एक दूध को ब्रा से बाहर निकाल लिया.
अगले ही पल उसने मेरे उस दूध को अपने मुँह में भर लिया.
मेरी तो जान हाथ में आने लगी.
पहली बार किसी लड़के का मुँह मेरे दूध से लगा था.
मैं उत्तेजना में उसके बाल पकड़ कर उसे अपने बूब्स की तरफ दबाने लगी.
वह मज़े लेता हुआ मेरे दोनों दूध बारी बारी से पीने लगा और मसलने लगा.
वह धीरे से मेरे एक दूध को दबाता और उसे छोड़ कर उस पर थप्पड़ मार देता.
साथ ही मेरे दूसरे दूध को वह अपने होंठों से पकड़ कर खींचता और छोड़ देता.
उसकी इस हरकत से मेरी मस्त मीठी सी कराह निकल जाती और वह वासना से मुझे पर झपट कर मेरे मम्मों को वापस अपनी जकड़ और पकड़ में ले लेता.
कुछ ही पलों में मेरी चुत एकदम गीली होने लगी थी.
उसने मेरी जींस के बटन को खोला और उसे मेरी टांगों से खींच कर बाहर निकाल दी.
सामने मेरी थोंग पैंटी में उसे मेरी चिकनी और गीली चुत दबी हुई नज़र आने लगी.
वह पैंटी के ऊपर से ही मेरी चुत को चाटने लगा.
‘आह साली तूने तो आम घिसा हुआ है अपनी चुत पर!’
मैं हंस दी.
कुछ देर बाद उसने पैंटी हटा दी और मेरी रसीली हो चुकी चुत पर मुँह टिका दिया.
मेरी तो जान ही निकल गई.
मैं सिसकारियां लेने लगी ‘अयाया आह मां.’
वह धीरे धीरे चुत को किसी भूखे कुत्ते की तरह से चाटने लगा.
अत्यधिक गर्म हो जाने की वजह से मैंने जल्दी ही अपनी चुत से पानी छोड़ दिया.
उसने सारा पानी चूस चूस कर पी लिया.
अब उसने मुझे बैठा दिया और अपना पैंट निकाल दिया.
उसका 8 इंच का गोरा लंड मेरे मुँह के पास था.
उसने मेरे मुँह में लंड डाल दिया, मैं लंड क्रेजी बेब भी बड़े मज़े से उसके लौड़े को चूसने लगी.
कुछ ही देर में वह ज़ोर ज़ोर से मेरा मुँह चोदने लगा.
उसका लंड मेरे गले गले तक जाने लगा, जिससे मुझे खाँसी आ गई.
उसने मुझे उठाया और किस करने लगा; मुझे बेड पर लेटा दिया.
फिर उसने चुदाई की पोजीशन बनाई और धीरे से मेरी चुत के पास लंड रख दिया.
मुझे उसके लौड़े की गर्मी से मस्ती चढ़ने लगी और मैं अपनी गांड उठा कर उसके लंड को चुत में लेने की चेष्टा करने लगी.
तभी उसने धीरे से लंड अन्दर डाला.
लंड का टोपा चुत के अन्दर जाते ही मेरी चीख निकल गई ‘अया मां मर गई ओ माय गॉड … हट जाओ प्लीज दूर हट जाओ.’
वह समझ गया कि मेरी सील टूट गई है इसलिए मुझे दर्द हो रहा है.
वह रुक गया और मुझे चूमने लगा.
थोड़ी देर में मेरा दर्द ठीक हुआ, तो उसने अपना पूरा लंड डाल दिया.
एक बार फिर से दर्द हुआ. उसके जल्दी जल्दी अन्दर बाहर करने से मेरी चुत से खू/न निकलने लगा.
वह बहुत खुश हुआ कि मैं सील पैक लौंडिया निकली.
वह हंस रहा था और मैं दर्द से ‘आह अया करती हुई कराहने लगी.
वह धीरे धीरे मेरी चुत चोदने लगा.
कुछ देर बाद मुझे मज़ा आने लगा.
अब मैं उससे कहने लगी- आह मजा आ रहा है आह और तेज चोदो आकाश आह ज़ोर से … पूरा अन्दर घुसा दो.
वह भी मेरा साथ देते हुए ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.
मैं आवाज़ निकालने लगी, जिससे उसे और मज़ा आने लगा.
वह भी कहने लगा- आह मेरी जान … तेरी चुत में लंड डाल कर मज़ा ही आ गया. मैं तो तेरी चुत को ज़िंदगी भर चोदना चाहूँगा.
अब उसकी स्पीड बहुत तेज होने लगी.
मेरा बदन ठंडा पड़ने लगा.
मैं अकड़ने लगी.
मैं उससे चिल्ला चिल्ला कर बोलने लगी- आह … मेरा होने वाला है, मेरा निकलने वाला है.
आख़िर मेरा पानी निकल गया.
पानी निकलने पर वह धीमे होने लगा लेकिन चिकनाई हो जाने की वजह से उसका लंड सटासट अन्दर बाहर होने लगा.
अब वह धीरे धीरे स्पीड पकड़ने लगा, मेरी चुत के पानी की वजह से पूरे कमरे में फच फॅच पच फॅक की आवाज़ आने लगी.
मेरे बूब्स एक दूसरे से टकराने लगे और मैं फिर से गर्म होने लगी.
उसने खूब मस्ती से मुझे चोदा और खूब तेज़ झटके दिए.
बाद में जब वह झड़ने लगा तो उसने लंड चुत से निकाल का अपना माल मेरी चुत के ऊपर ही गिरा दिया.
थोड़ी देर तक हम दोनों यूं ही पड़े रहे. मैंने रुमाल से चुत साफ कर ली.
कुछ देर के बाद वह फिर से गर्म हो गया और मुझे कुतिया बना कर चोदने लगा.
उसने पीछे से मेरी चुत में अपना लंड घुसेड़ दिया.
मैं आह करके रह गई. कुछ देर के बाद मुझे बेहद मजा आने लगे.
इस तरह से उसने मुझे लगातार बार बार तीन घंटे तक चोदा.
उस दिन मेरी चुत सूज कर लाल हो गई थी और मोटी होकर कचौड़ी सी फट गई थी.
अब वह भी थक गया था.
हम दोनों ने नहाया और खाना मंगा कर और खाया.
फिर उसने मुझे वापस ड्रॉप कर दिया.
ऐसे ही अब हम महीने में या हफ्ते में जब चाहे रूम बुक करके चुदाई करने लगे थे.
आशा है कि आपको मेरी सील तोड़ चुत चुदाई की कहानी पसंद आई होगी.
लंड क्रेजी बेब सेक्स कहानी पर अपने विचार मुझे भेजें.
धन्यवाद.
आपकी चुदक्कड़ मीरा यादव