आंटी एस्स Xxx कहानी में मेरे दोस्त की मम्मी एकदम मस्त थी. मैं उनको देखने ही उसके घर जाता था. एक दिन मैं उसके घर गया तो वह घर पर नहीं था और आंटी नहा रही थी.
दोस्तो, मेरा नाम कार्तिक है।
मेरी उम्र 22 साल है और मैं एक हट्टा-कट्टा शरीर वाला लड़का हूँ।
मैं अपने दोस्त के घर के पास ही रहता हूँ। मेरे दोस्त का नाम पीयूष है।
उसके घर में उसकी बहन, माँ और पापा हैं, जो अक्सर घर से बाहर रहते हैं।
पीयूष के घर मेरा आना-जाना लगा रहता था।
दोस्तो, उसकी मम्मी के बारे में बता दूँ.
उनकी माँ का नाम रेखा था, जिन्हें मैं प्यार से रेखा आंटी कहकर पुकारता था।
रेखा आंटी दिखने में एकदम माल थी!
वो बहुत मॉडर्न थीं, लेकिन साड़ी पहनती थीं, जिसमें वो और भी खूबसूरत लगती थीं।
उनके बूब्स इतने बड़े और चूतड़ भी बड़े थे कि बूढ़े भी उनकी गांड मारने के सपने देखते थे!
उसकी बहन का नाम रिया है।
रिया का तो कोई जवाब ही नहीं था। लड़के उसके पीछे पागल थे।
वो दोनों अक्सर घर पर ही रहती थीं।
यह आंटी एस्स Xxx कहानी रेखा आंटी की गांड मारने की है.
एक दिन की बात है, मैं पीयूष से मिलने उसके घर गया।
मैंने उसे आवाज लगाई, “पीयूष!”
अंदर से कोई जवाब नहीं आया।
उसकी बहन रिया दूसरे कमरे में पढ़ रही थी।
मैं और अंदर चला गया और फिर आवाज लगाई।
तभी बाथरूम से आवाज आई, “बेटा, वो तो बाहर गया है!”
मैं बाथरूम के पास गया तो देखा दरवाजा खुला था और रेखा आंटी नहा रही थीं।
उन्होंने सिर्फ पेटीकोट पहन रखा था, जिसका नाड़ा भी खुला हुआ था।
उनके बूब्स उनके घुटनों से छिपे हुए थे।
वैसे वो हमसे ज्यादा झिझक नहीं रखती थीं।
मैंने बाहर से देखा कि वो नहा रही थीं।
उनका गोरा बदन देखकर मुझे जन्नत सी नजर आ रही थी!
मैं वहाँ से जाने लगा तो उन्होंने कहा, “क्या हुआ, बेटा?”
मैंने कहा, “कुछ नहीं, आंटी!”
आंटी बोलीं, “बेटा, एक मदद करोगे?”
मैंने कहा, “हाँ, आंटी, बोलो क्या काम है?”
आंटी बोलीं, “बेटा, रिया तो पढ़ाई कर रही है। मेरी पीठ पर हाथ नहीं पहुँच रहा। क्या आके इसे थोड़ा सा रगड़ दोगे?”
मैंने कहा, “जी, आंटी, अभी कर देता हूँ!”
मैं बाथरूम में गया और उनकी गोरी पीठ देखी तो मेरा लंड खड़ा हो गया!
ये बात आंटी को नहीं पता थी क्योंकि उनकी पीठ मेरी तरफ थी।
मैंने आंटी की पीठ पर हाथ रखा तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए।
मुझे इतना अच्छा लग रहा था कि मैं बता नहीं सकता!
मैंने धीरे-धीरे उनकी पीठ पर हाथ घुमाना शुरू किया।
फिर आंटी ने मुझे साबुन दिया, वो बोलीं, “इसे लगा दो!”
मेरे मन में गंदे-गंदे ख्याल आने लगे।
मैंने आंटी की पीठ पर साबुन लगाना शुरू किया।
पीठ पर लगाते-लगाते मैंने उनके पेट की तरफ हाथ बढ़ाया और पेट पर भी साबुन लगा दिया।
अब धीरे-धीरे मैं फिर से हाथ पीठ पर लाया और इस बार उनके बूब्स की ओर बढ़ाने शुरू किए।
हाथों में साबुन लगा हुआ था तो मेरा हाथ एकदम से फिसल गया और सीधे आंटी के बूब्स पर लग गया!
मैं डर गया और बोला, “सॉरी, आंटी! साबुन से हाथ फिसल गए! सॉरी!”
मैंने तुरंत हाथ हटा लिए।
आंटी बोलीं, “कोई बात नहीं, बेटा! गलती से फिसल गए तो!”
मैंने दोबारा आंटी की पीठ पर हाथ रखे और इस बार धीरे-धीरे उनके पेट के नीचे ले जाने लगा।
आंटी को भी कामुकता का अहसास होने लगा।
वो अपने पैरों को आगे करने लगीं ताकि मेरा हाथ आसानी से जा सके।
मैं जोर-जोर से रगड़ने लगा और धीरे-धीरे आगे हाथ बढ़ाने लगा।
अब मुझे आंटी के पेट के नीचे बाल महसूस होने लगे।
मेरे लंड का बुरा हाल था!
अब मैं धीरे-धीरे उनकी चूत के पास तक पहुँच गया।
आंटी ने कुछ नहीं बोला।
मैंने इसे ग्रीन सिग्नल समझा और सीधा उनकी चूत में एक उंगली घुसा दी!
आंटी ने एकदम आवाज की और सिसकारी ली, “ऊई!”
वो कामुक आवाज में सिसकारी भरने लगीं, “आह! आह! आई!”
मैंने मौके का फायदा उठाया और एक और उंगली चूत में डाल दी।
इस बार मेरी उंगली टाइट जा रही थी।
आंटी ने फिर से आवाज की, “ओई! आह!”
मैं जोर-जोर से उंगली आगे-पीछे करने लगा।
आंटी आवाज निकालने लगीं, “ओई! बेटा! आह! आह!”
उनकी चूत से चिकना सा पानी निकलने लगा और वो वहीं पर लेट गईं।
मैंने उनके ऊपर बाल्टी से पानी डाला और साबुन धोया।
आंटी बोलीं, “बेटा, रूम में चलते हैं! यहाँ रिया आ जाएगी!”
मैंने आंटी को गोद में उठाया, लेकिन नीचे मार्बल पर मेरा पैर फिसल गया।
हम गिर गए!
आंटी मेरे ऊपर थीं और मैं नीचे।
अब आंटी का हर हिस्सा मुझसे टच था।
आंटी और मैं हँसे और उठे।
हम उनके रूम की तरफ भागे।
उधर से रिया की आवाज आई, “क्या हुआ, मम्मा?”
मम्मा बोलीं, “कुछ नहीं, बेटा! वो भारी बाल्टी गिरी है!”
रिया बोली, “अच्छा!”
मम्मा बोलीं, “हाँ!”
हम रूम में पहुँचे ही थे कि मैंने आंटी को किस करना शुरू कर दिया।
मैंने पहले उनके होंठों पर काटा और फिर जोर-जोर से गाल पर काटने लगा।
मैंने आंटी का एक होंठ इतनी जोर से काटा कि उनकी आँखों से आँसू आ गए और होंठ से खून आने लगा!
मैंने फिर भी उन्हें नहीं छोड़ा और किस करता रहा।
अब मैं धीरे-धीरे नीचे आने लगा और उनके बूब्स से खेलने लगा।
मैं बूब्स पीने लगा और जोर से दबाने लगा।
आंटी सिसकारी ले रही थीं, “ओह! हाँ! आह! येस!”
जब मैं जोर से काटता, वो चिल्लातीं, “उई! ओ! आ! ई!”
मैंने आंटी के बूब्स को चूस-चूस कर लाल कर दिया, फिर एक को जोर से काट लिया।
इस बार आंटी जोर से चीख पड़ीं, “आह! आह!”
वो मुझे मारने लगीं और बोलीं, “साले, मारेगा क्या! मेरे बूब्स को काट लिया!”
शायद इस बार रिया ने उनकी आवाज सुन ली थी।
मैंने कहा, “नहीं, मेरी जान! अभी तो शुरुआत हुई है!”
और हँसने लगा।
फिर से मैंने किस किया और जोर से होंठ काट लिया।
आंटी की दोनों आँखों से आँसू आने लगे।
वो आवाज निकालने लगीं, “ऊ! ई! आ! हूँ! हूँ! हा!”
मैंने धीरे-धीरे हाथ उनकी चूत पर रखा और मसलने लगा।
आंटी सिहर गईं।
वो “उई! माँ!” करने लगीं और आहें भरने लगीं, “आह! आह! ओह! ऊ! ऊ!”
मैंने टाइम देखा और ज्यादा कुछ न करते हुए सीधा उन्हें बेड के पास ले गया।
मैंने धक्का देकर उन्हें पटक दिया।
मैं अपने कपड़े निकालने लगा।
फिर आंटी के ऊपर आ गया और मुँह सीधा उनकी चूत में लगा दिया।
आंटी ने बेडशीट को कसके पकड़ लिया और जोर-जोर से सिसकारी लेने लगीं, “आह! आह! ऊ! ऊ! ऊ!”
जब मैं अंदर की तरफ जीभ करता, वो जोर से चिल्लातीं, “येस्स! येस! ऊ! आई! आई!”
मैं उनकी चूत को चाटता जा रहा था।
अब मैं उनकी चूत के दाने को काटने लगा।
इस बार आंटी ने मुझे खरोंच लिया।
गुस्से में मैंने उनकी चूत को काट लिया।
वो चिल्लाईं, “ओ! माँ! ऊ! ई! मार डाला रे!”
वो रोने लगीं।
मैंने फिर काटा तो वो जोर-जोर से रोने लगीं, “ऊ! ऊ! ओ! ओ! ओ! ओ! आई! आई! आई! मादरचोद ने काट लिया!”
जब मैंने उनकी चूत से मुँह निकाला तो देखा खू.न निकल रहा था।
वो घबरा गईं और रोने लगीं।
अब मैंने ज्यादा देरी न करते हुए सीधा अपना लंड निकाला और उन्हें उल्टा किया।
आंटी कुछ समझी नहीं कि मैं क्या करना चाहता हूँ।
मैंने उन्हें घोड़ी बनने को कहा।
उन्होंने सोचा मैं चोदूँगा।
लेकिन मेरा कुछ और प्लान था।
वो मैं आपको कहानी के आखिरी में बताऊँगा।
मैंने उन्हें घोड़ी बना दिया।
उनकी चूत पर लंड रखते ही मुझे याद आया कि इसे तो चुसवाया ही नहीं।
मैं आंटी के सामने गया और बोला, “चूसो इसे!”
वो मना करने लगीं।
मैंने उनकी नाक बंद कर दी।
जैसे ही उन्होंने मुँह खोला, मैंने पूरा का पूरा लंड उनके मुँह में घुसा दिया।
लंड उनके गले तक पहुँच गया।
उनकी साँस रुक गई।
मैंने थोड़ा रहम खाकर उनकी नाक छोड़ दी।
अब मैं जोर-जोर से धक्का देने लगा।
मुझे लंड चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था!
फिर मैंने देर न करते हुए पीछे की तरफ गया।
लंड आंटी के थूक से चिकना था।
मैंने सीधा उनकी चूत पर रगड़ना शुरू किया।
आंटी बोलीं, “बेटा, इतना सब करने के बाद भी अब तड़फा रहा है! आह! आह! ओह! ओह! घुसा दे, बेटा, रेखा की चूत में अपना लंड! ई! ऊ! क्यों तड़फा रहा है!”
मैंने कहा, “आंटी, लंड तो घुसाऊँगा, पर रेखा की चूत में नहीं!”
आंटी घबरा गईं और उठकर भागने की कोशिश की।
लेकिन मैंने अपना लंड उनकी चूत से हटाकर गांड पर लगाया।
मैंने पूरे जोर से धक्का लगाया!
रेखा आंटी इतने जोर से चीखीं कि पास के लोगों ने भी सुन लिया होगा, “आईईईई! मर गई रे! मार डाला! ऊ! ऊ! ऊऊ! ऊह ऊ! छोड़ दे मुझे!”
वो चिल्लाईं, “मैंने गांड कभी भी नहीं मरवाई! आह! आह! आह! आह! आह! आह! ई!”
मैंने जोर-जोर से धक्का देना चालू रखा।
आंटी की गांड से खू.न बहने लगा।
वो दो मिनट के लिए बेहोश भी हो गईं।
लेकिन मैंने धक्के देना बंद नहीं किया।
फिर आंटी एस्स Xxx में मेरा साथ देने लगीं।
मैंने कहा, “आंटी, मजा आ रहा है ना?”
आंटी बोलीं, “मादरचोद, तूने आज मेरी गांड फाड़ दी और बोल रहा है कि मजा आ रहा है ना!”
मैं और जोर से धक्के लगाने लगा।
जब मैं झड़ने को हुआ, मैंने अपना लंड निकाला और आंटी के मुँह के पास ले जाने लगा।
आंटी समझ गईं और रूम में ही भागने लगीं।
मैंने एक बार में जोर से पकड़कर उनके मुँह में लंड घुसा दिया और पिचकारी चला दी।
मैं झड़ गया था।
हम दोनों देखना ही भूल गए थे।
जब देखा तो हमारे होश उड़ गए।
रिया हमारी पूरी चुदाई देख चुकी थी।
इसके बाद क्या हुआ, जानने के लिए अगली कहानी की प्रतीक्षा करें.
तो दोस्तो, कैसी लगी आपको ये आंटी एस्स Xxx कहानी? जरूर बताना!