बकरियां चराने गयी भतीजी को चोदा

देसी लड़की चुदाई कहानी में मैं बताऊंगा कैसे मैंने अपनी कुंवारी भतीजी को चोदा। पूरे मजे से पढ़िए कि कैसे उसकी सीलबंद चूत में उंगली डाल कर उसे गीला किया और उसकी प्यास बुझाई।

दोस्तो, मेरा नाम शैरी है, मैं राजस्थान का रहने वाला हूँ।
मेरा रंग गेहुआ, हाइट 5 फुट 9 इंच, और मेरा लंड 7 इंच का मोटा तगड़ा है।

ये मेरी पहली सेक्स कहानी है।
इस कहानी में आप पढ़ेंगे कि कैसे मैंने अपनी भतीजी की चिकनी चूत को भोसड़े में बदल दिया।
उम्मीद है, मेरी ये कहानी आपको बहुत पसंद आएगी।

आपका ज्यादा समय न लेते हुए देसी लड़की चुदाई कहानी शुरू करते हैं!

दोस्तो, हमारे गाँव में हमारे तीन-चार घर हैं।
पहले सभी इकट्ठे रहते थे.
लेकिन अब चाचा-चाची अलग रहने लगे, मम्मी-पापा अलग रहने लगे।

मेरी बुआ भी मेरे गाँव में ही रहती हैं।
घर ज्यादा दूर नहीं, थोड़ी दूरी पर हैं, तो आना-जाना लगा रहता है।

मैं अपनी बुआ के घर अक्सर जाता रहता था।
मेरी मौसी की बेटी की शादी मेरी बुआ के लड़के से हुई है।

बुआ के लड़के के दो बच्चे हैं।
मैं उनसे खेलने अक्सर जाया करता हूँ।

एक दिन मैं अपने भांजे अरमान के साथ खेल रहा था।
तभी पड़ोस की एक भाभी जी आईं और मेरी बुआ से बात करने लगीं।

भैया-भाभी जी के घर 6-7 बकरियाँ और 10-12 भेड़ें पाली हुई हैं।
मैं कभी-कभी भैया के साथ बकरी चराने चला जाता था।

भाभी जी बोलीं, “भैया आज शहर जाने वाले हैं, बैंक में जरूरी काम है। आज शैरी को भेज दो बकरी चराने!”

“शैरी, चला जायेगा ना?” भाभी ने पूछा।
“हाँ, चला जाऊँगा, लेकिन अरमान अकेला रोएगा!” मैंने जवाब दिया।

बुआ बोली, “इसको भी ले जा साथ में!”
“बुआ, मैं इसे संभालूँगा तो बकरियाँ खेत में चली जाएँगी, बताओ!” मैंने अकड़ते हुए कहा।

भाभी बोली, “आरिया को भी ले जा ना साथ में!”
दोस्तो, आरिया मेरे उसी भैया की लड़की है। देखने में बेहद खूबसूरत!

उसकी उम्र 19 साल है।
वो गजब के शरीर की मालकिन है।
उसका साइज़ 32-28-34, रंग गोरा, और आँखें भूरी हैं।

उसको याद करके मैंने कई बार अपने लंड को शांत किया है।
मैं हमेशा उसके साथ खेलने या उसे देखने के बहाने ढूँढता रहता था।

“हाँ, आरिया जायेगी तो चला जाऊँगा!” मैं तपाक से बोला।
भाभी ने मुझे 10 रुपये दिए।

मैं, अरमान और आरिया, तीनों बकरियाँ निकालकर खेतों की ओर चल पड़े।

मैंने भैया का पुराना रेडियो भी उठा लिया।
अरमान मेरी उँगली पकड़कर चल रहा था और आरिया के हाथ में पानी की बोतल थी।

जाते-जाते दुकान से मैंने 10 रुपये की टॉफियाँ ले लीं।
तीनों टॉफी खाते हुए जा रहे थे।

हम गाँव के कच्चे रास्ते से खेतों में, घर से कम से कम 2 किलोमीटर दूर आ गए।

वहाँ एक सरदारों का खेत था, जो 1 साल से खाली पड़ा था।
वहाँ हल्की-हल्की घास लगी थी।

हमने बकरियाँ वहाँ खुले में छोड़ दीं।
मुझे पता था, वो कहीं नहीं जाएँगी क्योंकि चारों तरफ बाड़ लगी थी।

मैंने अरमान को रेडियो देकर कपास में बिठा दिया।
वो गाने सुनने लगा।

मैं बेफिक्र होकर पास के पेड़ के नीचे बैठ गया।
पेड़ के पास एक कच्चा खाला गुजर रहा था।
मैं अपनी टाँगें फैलाकर लेट गया।

इतने में आरिया मेरे पास आई और मेरे साथ घास पर लेट गई।
“यहाँ कितनी शांति है ना, शैरी! घर पर तो मम्मी हमेशा डाँटती रहती है। अच्छा किया जो तू मुझे साथ ले आया!” आरिया बोली।

“अच्छा? मम्मी क्यों डाँटती है?” मैंने पूछा।
“ऐसे ही, घर का काम खत्म ही नहीं होता। कभी ये करो, कभी वो। स्कूल का काम भी करना होता है!”

दोस्तो, जब वो बोल रही थी, मैं उसके होठों को देख रहा था।
वह मेरे पास लेटी थी तो उसके बूब्स के उभार मेरी आँखों के सामने थे; उभारों के बीच की खाई भी दिख रही थी।

मैंने उसे टोका, “तुझे मम्मी इसलिए डाँटती है क्योंकि उसे तेरे BF के बारे में पता चल गया था, है ना?”
(कुछ दिन पहले उसकी पिटाई की बात उड़ी थी।)

“वो मेरा BF नहीं था!” आरिया बोली।
“तो कौन था?”

“क्लासमेट था। मेरे भाई ने जानबूझकर मुझे फँसा दिया ताकि मम्मी उसे कुछ न कहें!”
“तो पिटाई क्यों हुई?”

“मेरे भाई की GF मेरे क्लासमेट की बहन है। मुझे पता चल गया था। मैं मम्मी से कहती, उससे पहले उसने झूठ बोलकर मुझे फँसा दिया!”
मैंने उसका हाथ पकड़ा और बोला, “यार, ये तो बहुत बुरी बात है! तुम्हारे भाई को ऐसा नहीं करना चाहिए था। कोई ना, मैं तेरे साथ हूँ। हम दोनों मिलकर उससे बदला लेंगे, ठीक है?”

“क्या, सच में ऐसा हो सकता है? तुम पक्का मेरा साथ दोगे ना?”
“हाँ, तेरी कसम!”

ऐसा बोलते हुए मैंने उसके हाथ को किस कर लिया।
वो हल्का-सा मुस्कुरा दी।

“तुम्हारी कोई GF नहीं है क्या?” उसने पूछा।
“नहीं है, पर मैं किसी से प्यार करता हूँ। ये उसको भी नहीं पता!”

“कौन है वो? मुझे बताना, मैं करवा दूँगी तेरी बात!”
“बता दूँ?”

“हाँ, बताना प्लीज!”
“चलो, पहले अपनी आँखें बंद करो, फिर बताता हूँ!”

जैसे ही उसने आँखें बंद कीं, मैंने हल्के से उसके होठों पर किस कर लिया।
उसने तुरंत आँखें खोलीं और बोली, “शैरी, ये क्या कर रहे हो!”

“आरिया, मैं तुमसे प्यार करता हूँ! तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो। तुम्हारी आँखों में मैं सारा दिन खोया रहता हूँ। तुम्हारे साथ रहना मुझे बहुत अच्छा लगता है!”
इतने में रेडियो में गाना बजा:

प्यार हुआ
इकरार हुआ है
प्यार से फिर क्यों डरता है दिल!

आरिया हल्का-सा मुस्कुरा दी।
मैंने मौका न गँवाते हुए उसके होठों को अपने होठों में भर लिया।

“नहीं, शैरी, ये गलत है! भले हमारी उम्र एक जैसी है, पर तुम मेरे चाचा हो!”
“आरिया, तेरी बात भी सही है, पर सच बताओ, क्या तुम मुझसे प्यार नहीं करती? बताओ ना!”

“ऐसी बात नहीं, तुम मुझे पसंद हो। लेकिन किसी को पता चल गया तो बहुत बुरा होगा!”
“मुझ पर भरोसा रखो, हमारा रिश्ता एकदम सीक्रेट रहेगा। हमेशा हम दोनों के बीच!”

“पक्का ना? प्रॉमिस!”
“प्रॉमिस, पक्का!”

ये कहते हुए मैंने उसे जोरदार चुम्बन करना शुरू कर दिया।
इस बार उसने कोई विरोध नहीं किया।

मैं उसके होठों को अपने दाँतों से हल्का-हल्का काटने लगा।
इस बार वो भी मेरा साथ दे रही थी।

दोस्तो, क्या बताऊँ, उस समय मेरे लंड की क्या हालत हो रही थी!

मैं पहले से उसे चाहता था।
आज वो मेरे साथ थी।
ये सोचकर मेरा लंड पैंट में तंबू बनाए बाहर आने को बेताब था।

धीरे-धीरे मैं उसकी गर्दन को चूमने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स दबाने लगा।

शायद वो भी आज चुदने के लिए तैयार थी।
जैसे ही मैंने उसकी गर्दन को दोनों तरफ से चूमा, उसकी हल्की-हल्की सिसकारियाँ शुरू हो गईं।

वो भी मेरी गर्दन पर किस करने लगी।
अब क्या बताऊँ, यारो, मेरा पारा सातवें आसमान पर था!

मैंने खाले से थोड़ा ऊपर उठकर चारों तरफ नजर दौड़ाई।
आसपास कोई नहीं था।

अरमान कपास में बैठा रेडियो सुन रहा था और पत्तों से खेल रहा था।
“शैरी, किसी को पता चल गया तो देख ले! मेरा घर से निकलना भी बंद हो जाएगा!” आरिया बोली।

उसका और मेरा चूत चुदाई का पूरा-पूरा मन था।
“तू डर मत! आसपास कोई भी नहीं है, और किसी को पता नहीं चलेगा!”

ये कहते-कहते मैं उसकी कमर पर किस करने लगा और उसका कुर्ता ऊपर उठाने लगा।
उसकी गहरी नाभि, यार, देखकर कोई भी पागल हो जाए!

नाभि को जोर से किस किया और जीभ अंदर डालकर फिराने लगा।

उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी।
कुर्ता ऊपर उठते ही उसके दोनों गोरे-गोरे मम्मे मेरे हाथ में आ गए।

उसके मम्मे एकदम गोरे, चिकने, मुलायम, और कच्चे-कच्चे थे, ऊपर हल्की-सी गुलाबी निप्पल थी।
मैं उन्हें देखते ही उन पर टूट पड़ा और एक को मुँह में भरकर चूसने लगा।

आरिया के मुँह से मादक आवाजें निकलने लगीं।
मैंने अपना हाथ उसकी चूत की तरफ ले गया जो अब तक गीली हो चुकी थी।

धीरे-धीरे मैं उसके मम्मे चूस रहा था और मेरा हाथ उसकी चूत को सहला रहा था।

“आरिया, क्या तूने पहले कभी ऐसा किया है? क्या तुमने किसी के साथ चुदाई की है?”
“नहीं, आज पहली बार है!” उसने जवाब दिया।

मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और नीचे आकर उसकी गीली चूत देखने लगा।

यारो, क्या बताऊँ, उसकी चूत में कितनी चिकनाहट थी! एकदम गोरी-गोरी, गुलाबी-गुलाबी, और उसकी चूत से मस्त महक आ रही थी।
उसके बाल अभी थोड़े-थोड़े उगने शुरू हुए थे।
मैं पहली बार चूत देख रहा था।

मैंने एक पल भी गँवाना नहीं चाहा, उसकी सलवार उतारकर एक साइड कर दी।
उसकी टाँगें फैलाकर मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया।

हल्के-हल्के मैं उसकी बुर पर जीभ फिरा रहा था।
कभी-कभी उसके बुर के दाने को दाँतों से काटता।

उसने अपने दोनों हाथों से मेरे सिर को अपनी बुर की तरफ दबा दिया।

अब वो खूब सिसकारियाँ ले रही थी।
मैं घुटनों के बल थोड़ा खड़ा हुआ और अपने लोअर को नीचे कर दिया।

मेरा मुसल बाहर निकाल लिया।
“अरे, बाप रे! इतना मोटा! तू क्या, रोज कसरत करता है इसकी?” आरिया बोली।

“हाँ, मेरी जान! तेरा नाम लेकर बहुत बार कसरत की है इसकी!”
“तू मेरे राजा, देर किस बात की? तेरे सामने पड़ी हूँ, जो मर्जी कर ले!”

ये सुनते ही मैंने अपने लंड का सुपारा उसके मुँह की तरफ कर दिया।

पहले उसने ना-नुकुर की, लेकिन थोड़ी देर में मान गई और मेरा लंड अपने मुँह में लेने लगी।

वो पूरी मस्ती से मेरा लंड चूस रही थी।
मैं उसके बूब्स दबाए जा रहा था।

थोड़ी देर चूसने के बाद उसने मुँह से निकाला और साइड में थूकने लगी।

“मुझे नहीं करना मुँह से! अब जो करना है, नीचे से कर ले!”
मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया।

मैंने उसके दोनों पैर अपने कंधों पर रखे और अपने लंड को उसकी चूत पर सेट करने लगा।

जैसे ही मैंने अपने लंड से उसकी बुर को सहलाया, वो बोली, “बस करो, राजा! अब डाल दो इस रॉड को मेरी भोसड़ी में!”

मैं उसके प्यारे मुँह से ऐसी बात सुनकर जोश में आ गया।
उसके दोनों कंधों को पकड़कर मैंने अपने लंड को उसकी चूत के मुँह पर सेट किया और एक जोरदार धक्का मारा।

मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ आधा अंदर घुस गया।
उसने जोरदार चीख मारी और रोने लगी, “निकालो इसे बाहर! जल्दी! मुझे दर्द हो रहा है!”

उसकी चूत से खू/न भी निकलने लगा था।
मैंने थोड़ा ऊपर उठकर देखा, कोई है तो नहीं। आसपास दूर-दूर तक कोई नहीं था।

“देखो, आरिया, पहली बार ऐसा ही होता है। कुछ नहीं होगा!”
“नहीं, तुम बाहर निकालो! मुझसे नहीं होगा अभी!”

वो छटपटा रही थी, निकालने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैंने उसे पकड़े रखा।

हल्के-हल्के मैं उसके गले और बूब्स पर किस करने लगा।
थोड़ी देर बाद उसे शांति मिली।

अब मैंने एक और जोरदार झटका मारा।
मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया।

इस बार वो चिल्ला नहीं पाई क्योंकि मैंने उसके होठों को अपने होठों से बंद कर दिया था।
थोड़ी देर छटपटाने के बाद वो नॉर्मल हो गई।

लेकिन उसकी आँखों में आँसू थे।
वो चुदना चाहती थी, पर बहुत दर्द हो रहा था।

मैंने समझाया, “अब जितना दर्द होना था, हो गया … अब तुम्हें सिर्फ मजा आएगा!”

अब मैं जितना आराम से हो सकता था, अपने लंड को अंदर-बाहर करने लगा।

उसकी आँखें खुलने लगीं।
वो मेरा साथ देने लगी।

जैसे-जैसे मैं झटका मार रहा था, वो पूरे मजे से मेरा साथ दे रही थी।
हम दोनों एक-दूसरे से अच्छी तरह लिपटे हुए थे।

वो मेरे हर झटके से अपनी चरम सीमा की ओर बढ़ रही थी।
मेरे हर झटके से उसकी आह निकल रही थी।

“चोद दो आज अपनी जान को, राजा! बुझा दो मेरी प्यास! आज ये रानी पूरी तेरी है!”

फिर एकदम से वो बोली, “शैरी, पता नहीं क्या हो रहा है! मेरा शरीर अकड़ रहा है!”
उसने मुझे कसकर पकड़ लिया।
उसका पानी निकलने लगा था।

उसकी चूत से निकले पानी ने मेरे लंड की चिकनाहट बढ़ा दी।
अब मैं थोड़ा जोश में और जोर से उसे चोदने लगा।

“चोदो मुझे, राजा! और जोर से चोदो! आह… आह… आह… प्लीज और जोर से!”

अब मैं भी अपनी चरम सीमा तक पहुँच गया था, मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी।

उसे और सुकून मिलने लगा।
अब वो दर्द में नहीं थी।

आज मेरा देसी लड़की चुदाई का सपना पूरा हो गया था।
अपनी सपनों की रानी को मैंने अपनी बाहों में भर लिया।
मैंने पीठ को खाले की दूसरी साइड सटाकर उसे अपने ऊपर ले लिया।

अब वो ऊपर से मुझे चोद रही थी।
मैं उसके चूतड़ों को पकड़कर ऊपर-नीचे कर रहा था।

हमें आए हुए कम से कम 45 मिनट हो गए थे।
मैं उसे 15 मिनट से चोदे जा रहा था।

उसका अब दो बार हो चुका था।

उसकी टाइट चूत मेरे लंड को चरमसुख दे रही थी।
अब मेरा भी होने वाला था।

“आह… आह… आरिया, मेरा हो गया!” कहते-कहते मैंने अपना लंड झट से बाहर निकाला।

मेरे लंड से एक तेज फव्वारा निकला, जो उसके बूब्स, कुर्ते, और मुँह पर जा गिरा।

करीब 20 मिनट लगे हमें अपना खेल खेलने में!

मैंने लंड झटककर बाकी पानी उसकी नाभि में गिरा दिया और साथ में लेट गया।

“क्यों, आरिया, मजा आया?”
“हाँ, बहुत मजा आया! तुमने तो आज मेरी चूत फाड़ दी!”

“आज तुम्हारे साथ जन्नत की सैर हुई है मुझे!”
“मुझे भी! चलो, अब साफ कर दो!”

मैंने तुरंत उसे साफ किया।

उसकी चूत पर से खून और पानी बोतल के पानी से धो दिया।

उसके कपड़े पहनाए और खुद को भी साफ किया।
उसके होठों को फिर से किस किया।

इतने में अरमान रेडियो लेकर आ गया।
हम दोनों हँसने लगे।

उसके क्यूट चेहरे पर अब बहुत अच्छी मुस्कुराहट थी।

अब घर जाने का समय हो गया था।
हम दोनों उठने लगे।

आरिया से उठा नहीं जा रहा था।
मैंने उसे सहारा देकर खड़ा किया।

“ठीक हो?”
“हाँ, चल लूँगी। ठीक हूँ!” उसने मुस्कुराते हुए कहा।

मैंने बकरियों की ओर देखा।
वो भी चरते-चरते बैठ गई थीं।

मैंने डंडा दिखाकर सबको खड़ा किया और घर की तरफ चलने लगे।

उसके बाद मुझे इस देसी लड़की चुदाई के बहुत से मौके मिले।
हमने बहुत सारी मस्ती की।

हमारे घर में, खेतों में, उसके घर पर, जब भी चुदाई का मौका मिलता, हम छोड़ते नहीं थे।

अब तो उसे मेरे लंड की आदत हो गई थी।

तो कैसी लगी देसी लड़की चुदाई कहानी, दोस्तो?
उम्मीद है, सभी को ये कहानी पसंद आई होगी।

Leave a Comment