Xxx वुमन चुदाई कहानी में फेसबुक से मेरी दोस्ती एक विधवा से हुई. हमें प्यार हो गया और हम सेक्स करने की सोचने लगे. वीडियो काल से सेक्स करके हम मजा लेने लगे.
मेरा नाम समीर है और मैं उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले में रहता हूँ.
मेरी हाइट 6 फुट है और मेरा शरीर आकर्षक है.
मेरा लंड 6 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा है, जो लड़कियों की चुत में जाकर आतंक मचा देता है और इससे मुझे बड़ा आत्मविश्वास मिलता है.
आज मैं आपको अपनी एक Xxx वुमन चुदाई कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसमें मुझे एक विधवा लड़की सबा से गहरा प्यार हो गया था.
सबा दिखने में बेहद खूबसूरत है. उसका फिगर 34-30-36 का है और उसकी आंखों में एक अनकही कहानी छिपी है.
उसके दूध एकदम मस्त और रस से भरे हुए हैं.
वह अपने मम्मों और चूतड़ों की वजह से बहुत ही ज्यादा मादक लगती है.
उसके मम्मों की पहाड़ियां और गांड का उभार उसकी सुंदरता में चार चाँद लगाते हैं.
उसकी कमर और कूल्हों का संतुलन ऐसा है कि कोई भी उसे देखकर मंत्रमुग्ध हो जाए.
बात तीन साल पहले की है.
मेरी कपड़ों की दुकान है और खाली समय में मैं फेसबुक चलाया करता था.
एक दिन मेरी बात एक लड़की से फ़ेसबुक पर बातचीत शुरू हुई जो बाद में सबा के रूप में मेरे जीवन का हिस्सा बनी.
कुछ समय बाद मुझे पता चला कि उसके शौहर की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई.
अपने शौहर के निधन के छह महीने बाद सबा ने मुझसे फिर से बात शुरू की.
शुरुआत में वह अपने शौहर की यादों में खोई रहती थी.
वह मुझसे उनकी बातें करती और अक्सर रो पड़ती.
मैं उसका दर्द समझता था और उसे सांत्वना देता.
धीरे-धीरे छह महीने बीत गए और हमारी बातचीत गहरी होती गई.
अब तक वह अपनी जिंदगी की हर छोटी-बड़ी बात मुझसे साझा करने लगी थी.
समय के साथ हमारी नजदीकियां बढ़ती गईं और हमें एक-दूसरे से प्यार हो गया.
एक दिन मैंने अपने अपने दिल की बात सबा के सामने कह दी.
सबा ने भी मेरी मुहब्बत कबूल कर ली और अपने प्यार का इजहार कर दिया.
अब हम दोनों अपने प्यार के नशे में एक दूसरे के साथ बिंदास होते गए.
आपस में चुदाई की बातें खुल कर चलने लगीं.
हम लोग अडल्ट जोक साझा करते और अपनी दोस्ती को प्रगाढ़ करते रहते.
कुछ महीनों बाद सबा मुझसे मिलने मेरे शहर आई.
हम दोनों एक रेस्तरां में गए, साथ में खाना खाया और एक-दूसरे के करीब आए.
उस पल में हम दोनों ने हल्के से एक-दूसरे के होंठों को चूम लिया.
मेरा मन था कि सबा को होटल के कमरे में ले जाकर चोद दूं.
मैंने उससे अपनी बात का इजहार भी किया कि सबा मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करने का मन कर रहा है. लेकिन यह मेरी जिद नहीं है … बस एक चाहत है, जो मैं तुम्हारे सामने रख रहा हूँ. तुम यदि चाहो तो हम दोनों किसी होटल के कमरे में चल सकते हैं.
सबा ने मेरे हाथ को चूम कर कहा- समीर, मैं भी सेक्स के लिए प्यासी हूँ मगर मैं होटल में नहीं जा सकती हूँ.
मैंने उसकी आंखों में आए भाव समझ लिए थे कि इसे मुझसे चुदवाने में अभी संकोच है.
मैंने कहा- ओके जब तुम चाहो तब मैं तुम्हें पाना चाहूँगा.
वह मुस्कुरा दी और उसने कहा भी कि शुक्रिया समीर तुमने मुझे समझा!
उस मुलाकात के बाद वह अपने शहर लौट गई लेकिन हमारी बातें फोन पर बदस्तूर जारी रहीं.
धीरे-धीरे हमारी बातें खुल कर अंतरंग होने लगीं.
एक रात मैंने सबा से वीडियो कॉल पर अंतरंग पलों को साझा करने की बात कही.
उसने सहमति दे दी.
रात में जब हमने वीडियो कॉल शुरू की तो मैंने उसे कपड़े उतारने को कहा.
हम दोनों पूरी तरह नग्न हो गए.
जब मैंने उसके गोल, भरे हुए मम्मों को देखा तो मेरी सांसें थम सी गईं.
उसकी त्वचा की चमक और शरीर की बनावट देखकर मेरा लंड पूरी तरह उत्तेजित हो गया.
मैंने उसे अपना लंड दिखाया, जो उसकी नजरों में लंबा और मोटा था.
वह इसे देखकर उत्साहित हो उठी.
फिर मैंने उससे उसकी चुत दिखाने को कहा.
उसने अपनी टांगें खोलकर अपनी चुत मुझे दिखाई, जो गुलाबी और आकर्षक थी.
उसकी चुत देखकर मेरी उत्तेजना चरम पर थी.
उस रात हमने वीडियो कॉल पर एक-दूसरे के साथ हस्त मैथुन का मजा लिया और दोनों झड़ कर शांत हो गए.
यह सिलसिला अब हर रात का हिस्सा बन गया.
हम दोनों नग्न होकर एक-दूसरे के शरीर को निहारते और प्यार भरी बातें करते.
लेकिन यह वर्चुअल अंतरंगता अब हमें अधूरी लगने लगी थी.
हमारी चाहत थी कि हम एक-दूसरे से मिलें और अपने प्यार को शारीरिक रूप से भी महसूस करें, खुल कर चुदाई का मजा लें.
मैं हर दिन उससे मिलने की बात करता.
लेकिन उसका ससुराल से निकल कर मुझसे मिलने आना आसान नहीं था.
फिर भी, हम दोनों ने हिम्मत नहीं हारी.
एक साल इंतज़ार के बाद आखिरकार वह दिन आया जब सबा अपने परिवार से मिलने अपने मायके आई.
उसने बहाना बनाकर मुझसे मिलने का प्लान बनाया.
उसने बताया कि वह मेरी दुकान पर दोपहर में आएगी. मेरी खुशी का ठिकाना न रहा.
मेरी दुकान दोपहर में लंच टाइम के दौरान दो घंटे के लिए बंद रहती थी.
मैं अन्दर से शटर और पर्दा डालकर लंच करता और थोड़ा आराम करता था.
उस दिन मैंने मन ही मन सोच लिया था कि यह मुलाकात खास होगी.
जब सबा दुकान पर आई, तो उसकी आंखों में एक अलग सी चमक थी.
हमने कुछ देर बातें कीं, लेकिन मन में कुछ और ही उथल-पुथल थी.
मैंने मौका देखकर उसे काउंटर के पीछे बिठाया और बाहर जाकर देखा कि कहीं कोई ध्यान तो नहीं दे रहा.
मार्केट वाले अपने काम में व्यस्त थे.
मैंने जल्दी से दुकान अन्दर से बंद की, खाली जगह पर चटाई बिछाई और सबा को लेकर उस पर लेट गया.
मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू किया और वह भी पूरी तरह मेरे साथ थी.
उसकी सांसें गर्म थीं और उसका साथ मुझे और उत्तेजित कर रहा था.
मैंने जल्दी से उसके कपड़े उतारे और खुद भी पूरी तरह नग्न हो गया.
सबा का शरीर देखकर मेरे अन्दर आग सी लग गई.
उसके भरे हुए स्तन, पतली कमर और आकर्षक कूल्हे मेरे होश उड़ा रहे थे.
उसने मुझे नीचे लिटाया और मेरे शरीर को पागलों की तरह चूमने-चाटने लगी. मैं भी उसका पूरा साथ दे रहा था.
मैंने उसके स्तनों को खूब दबाया और चूसा, जिससे वह और गर्म हो गई.
उसकी चुत पूरी तरह गीली थी और वह मेरे लंड को सहलाते हुए मुझसे चोदने की बात कह रही थी.
मैंने उसकी टांगें फैलाईं और उसकी चुत को अपने मुँह से चूमा.
उसकी गर्मी और सिसकारियां मुझे और उत्तेजित कर रही थीं.
उसने मुझसे जल्दी करने को कहा और मैंने अपना लंड उसके मुँह के पास किया.
उसने मेरे लंड को अपने मुँह में लिया और उसे प्यार से चूसने लगी.
फिर हम 69 की स्थिति में आए और एक-दूसरे को चूस कर सुख देने लगे.
सबा ने कहा- समीर, अब और इंतज़ार नहीं होता. मुझे तुम्हारा लंड अपनी चुत में चाहिए!
उसके मुँह से लंड की चाहत की बात सुनकर मैंने उसकी टांगें अपने कंधों पर रखीं और अपने लंड को उसकी चुत पर सैट कर दिया.
जैसे ही मेरे लंड ने उसकी चुत को छुआ, वह सिसकारी भरने लगी.
उसकी आंखें बंद थीं और वह Xxx वुमन चुदाई के उस पल का इंतज़ार कर रही थी, जब हमला होता.
मैं भी पीछे नहीं था, लेकिन उसकी चुत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड आसानी से अन्दर गया ही नहीं.
मैंने उससे पूछा- यह इतनी टाइट क्यों है?
उसने बताया- मेरे शौहर में दम ही नहीं थी और न ही उनके लंड में सख्ती थी. वे दरअसल लड़केबाज थे. उन्हें अपनी गांड मरवाने का शौक था. इसी लिए मैं अब तक कभी चुदी ही नहीं हूँ. आज तीन साल बाद मैं किसी मर्द के नग्न जिस्म से अपने नंगे जिस्म को रगड़ रही हूँ.
यह सुनकर मैं समझ गया कि यह सील पैक माल है.
इस बार मैंने उसे कुंवारी लड़की समझ कर उसकी चुत को पहले उंगली से ढीला किया और बाद में लंड सैट करके धीरे से एक धक्का मारा तो मेरा लंड आधा उसकी गर्म चुत में प्रवेश कर गया.
वह दर्द से चीख उठी और कराह कर बोली- आह मर गई आह … आराम से समीर … तुम्हारा लंड बहुत मोटा है.
मैंने धीरे-धीरे चुदाई शुरू की और थोड़ी देर बाद जब उसका दर्द कम हुआ तो वह अपनी कमर उठाकर मेरा साथ देने लगी.
मैंने एक गहरा धक्का मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चुत में जड़ तक समा गया.
वह दर्द से पुनः कांप उठी और मुझे अपने ऊपर से अलग करने की कोशिश करती हुई कामुक सिसकारियां भर रही थी.
मैं उसे कसकर पकड़ कर उसकी चुत में चुदाई की गति को बढ़ाने लगा.
कुछ ही देर बाद सबा पूरी तरह मस्ती में थी.
वह मेरे हर धक्के के साथ चिल्ला रही थी और चुदाई का मजा ले रही थी.
कुछ ही देर में उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया और उसका शरीर ढीला पड़ गया.
लेकिन मेरी उत्तेजना चरम पर थी.
मैंने गति और तेज की.
वह ‘आह … ओह … समीर …’ की आवाजें निकाल रही थी.
जब मुझे लगा कि मेरा लंड भी चरम पर है तो मैंने उससे पूछा- पानी कहां निकालूँ?
उसने कहा- आज मेरी चुत में ही छोड़ दो.
मैंने अपना सारा रस उसकी गर्म चुत में छोड़ दिया.
हम दोनों थककर एक-दूसरे से लिपट गए और कुछ देर तक वैसे ही लेटे रहे.
थोड़ी देर बाद सबा ने फिर से मेरे लंड को सहलाया और वह उठ कर उसे मुँह में लेकर चूसने लगी.
मेरा लंड जल्द ही फिर से तैयार हो गया.
इस बार मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चुत में अपना लंड डाला.
मैंने पूरी ताकत से धक्के मारे और वह मस्ती में सिसकारियां भरती हुई अपनी चुत का भोसड़ा बनवाने लगी थी.
फिर उसने मेरे ऊपर आकर मेरे लंड की सवारी की, जिससे मुझे अनोखा आनन्द मिला.
हम दोनों ने कई पोजीशनों में एक-दूसरे का साथ दिया.
कुछ देर बाद मैंने उसे साइड में लिटाकर उसकी चुत में फिर से लंड पेल दिया.
इस बार वह थकान के कारण हांफने लगी थी और कहने लगी- समीर, मेरी चुत में जलन हो रही है. तुम्हारा लंड अब और सहन नहीं हो रहा.
लेकिन मेरी उत्तेजना अभी खत्म नहीं हुई थी.
मैंने उसकी चुत को कुछ देर तक चोदा और लगभग 40 मिनट तक चले इस चुदाई के दौर के बाद मैंने एक बार फिर से अपना सारा रस उसकी चुत में छोड़ दिया.
थककर चूर होकर जब हम दोनों लेटे.
तो सबा ने कहा- आज पहली बार मुझे इतनी देर तक इतना आनन्द मिला. मेरे शौहर ने तो मुझे कभी कुछ दिया ही नहीं … वे मुँह से मेरी चुत चाट कर मुझे ठंडा कर देते थे. आज मुझे असली चुदाई का मतलब समझ आया.
उसके बाद कैसे मैंने सबा की गांड और चूत एक साथ कैसे होटल में जमकर मारी, वह अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.
आपको मेरी Xxx वुमन चुदाई कहानी कैसी लगी, मुझे ज़रूर मेल करके बताएं.