भैया: देखो सोनू, तुम बुरा मत मानो। पर तुम्हारी मम्मी खूबसूरत है, और तुम्हारी मम्मी की भी यह सब जरूरत है। पर वह पैसों के लिए यह सब कभी नहीं करेगी। वह बहुत ही ईमानदार है। परंतु यदि तुम चाहो तो वह तैयार हो जाएगी मेरे साथ करने के लिए।
फिर मैं बोला: परंतु भैया मैं इसमें क्या कर सकता हूं?
राहुल भैया बोले: तुम्हें कुछ नहीं करना है। बस तुम्हें देखना है तो घर में जागे रहना। आज रात में आता हूं तुम्हारी मम्मी के पास, और वह सब करूंगा जो तुम देखना चाहते हो।
शाम को जब मेला खत्म हुआ, तो सभी व्यापारी अपने-अपने गांव को लौटने लगे। तब राहुल भैया नहीं लौटे। जो लोग दूर के व्यापारी थे, वह लोग गांव में ही रुकते थे किसी-किसी के घर। तब उस दिन राहुल भैया ने सोचा कि वह मेरे ही घर रुकेंगे और उन्होंने ऐसा ही किया।
उस रात मम्मी ने उनके लिए खाना बनाया, और उनका सोने रहने का इंतजाम किया। उस रात खाना-पीना हुआ, और मम्मी सोने चली गई मुझे सुला कर। राहुल भैया भी मेरे पास ही सोए थे। फिर रात को मैंने देखा कि राहुल भैया उठे और मुझे भी जगा दिया, और बोले कि, “मैं जा रहा हूं तुम्हारी मम्मी के पास। तुम्हें देखना हो तो आकर देख लेना।”
मैं भी उनके पीछे-पीछे गया। वह मम्मी के कमरे में चले गए, और मैं बाहर ही रह गया। वह मम्मी के पास जाकर बैठ गए। तभी मम्मी उठ कर बैठ गई और बोली, “राहुल तुम यहां क्या कर रहे हो? जाओ सो जाओ। नींद नहीं आ रही है क्या?”
तब राहुल भैया बोले: नहीं भाभी, जब से आपको देखा है मुझे तनिक भी नींद नहीं आती। आपकी खूबसूरत आंखें मेरा दिल ही चुरा ले गई। आपके यह नरम होंठ, मैं तो इस पर फिदा हो गया हूं।
यह सब कहते हुए राहुल भैया मम्मी के चेहरे के नजदीक जा रहे थे। मम्मी बस उन्हें चुप-चाप सुन रही थी। राहुल भैया मम्मी के कभी होंठ, तो कभी आंख, तो कभी सेब जैसे गालों की तारीफ करते हुए मम्मी के होंठों के नजदीक पहुंच गए। ऐसा लग रहा था कि बस अब दोनों के होंठों का मिलन होने ही वाला था। मम्मी उनकी आंखों में देख रही थी, और वह भी मम्मी की आंखों में देख रहे थे।
राहुल भैया मम्मी के चेहरे को अपनी हथेलियां में थाम कर उनके होंठों पर अपने होंठ रख कर मम्मी के होंठों को जैसे ही चूसना चाहे, मम्मी ने उन्हें दूर धकेल दिया।
मम्मी: यह क्या कर रहे हो राहुल? तुम्हें पता है ना मैं शादी-शुदा हूं? मेरा एक बच्चा भी है। मैं क्या मुंह दिखाऊंगी समाज को। तुम तो मुझे कलंकित कर रहे हो।
राहुल: भाभी इस रात का किसी को नहीं पता चलेगा कि हमने क्या किया है। और आप तो वैसे भी इतनी संस्कारी हैं, कि आप पर कोई शक भी नहीं करेगा। तो आप सब चिंता छोड़ कर आज रात का बस मजा लीजिए। गांव की औरतें तो सभी ले रही है व्यापारियों के साथ। क्या आप बस उदास रहना चाहती है? एक बार लेकर देखिये भाभी, आप हमेशा खुश रहोगी।
राहुल: आपका भी हक बनता है खुश होने का। आपका यह नरम होंठ, यह सेब जैसा गाल, क्या बस उदास रहने के लिए है? या खुश रहने के लिए? आप बस एक मौका देकर देखो। आप हमेशा प्रसन्न रहोगी। भाभी प्लीज मुझे माफ करना।
और यह कहते हुए राहुल भैया ने मम्मी के होठों से अपने होंठ को जोरदार जोड़ लिये?
मम्मी हल्का-हल्का विरोध कर रही थी, पर राहुल भैया के होंठ चुसाई में उन्हें भी आनंद आ रहा था। वह अपनी आंखों को बंद करके धीरे-धीरे नीचे लेट गई, और राहुल भैया उनके ऊपर आ गए।
मम्मी के पूरे चेहरे को वह चूम रहे थे। मम्मी भी उनके चेहरे को चूम रही थी। दोनों एक-दूसरे में लिप्त हुए थे, और एक-दूसरे के बदन को टटोल रहे थे। मम्मी अपनी जवानी को पूरी तरह से अब राहुल भैया को सौप चुकी थी। राहुल भैया उनकी दोनों चूचियों को अपने हाथों से मसल रहे थे।
थोड़ी ही देर में राहुल भैया ने पूरी साड़ी को निकाल कर फेंक दिया, और मम्मी की नाभि को चूमने लगे चाटने लगे। मम्मी बस आआह अह्ह्ह उउउउउफ्फ्फ्फ़ की आवाज़ कर रही थी।
राहुल भैया मम्मी की नाभि को चूमते हुए नीचे बढ़े और पेटीकोट को निकाल दिया। मम्मी अब ब्लाउज और पेंटी में राहुल भैया के सामने लेटी हुई थी। राहुल भैया ने मम्मी के ब्लाउज और ब्रा को भी निकाल दिया, और दोनों चूचियों को आजाद कर दिया। राहुल भैया बारी-बारी से दोनों चूचियों को मसल कर उन्हें चूस रहे थे।
काफी देर तक मम्मी के दोनों चूचियों को चूसते हुए राहुल भैया नीचे की ओर बढ़े, और मम्मी के पेंटी को निकाल कर अलग किया। फिर मम्मी के पैरों के बीच में आए, और उनकी दोनों टांगों को अलग करके चूत को फैला दिया।
मम्मी के चूत में अपने मुंह लगा कर राहुल भैया चाटने लगे। मम्मी तो जैसे मदहोश हो गई। वो अपनी आंखों को बंद करके राहुल भैया के सर को मम्मी अपने बुर में घुसा रही थी। कुछ देर चूत चुसाई के बाद मम्मी ने आंखें खोली। तब राहुल भैया मम्मी के ऊपर थे और राहुल भैया उनके होंठों को चूमने लगे। भैया ने अपने लंड को मम्मी की बुर के सामने सेट किया हुआ था, और धीरे-धीरे धक्का लगाने लगे। जैसे-जैसे लंड अंदर की ओर जाता, मम्मी के मुंह से आवाज निकलती जाती, और चेहरा ऊपर की ओर होता जाता।
राहुल भैया मम्मी के होठों को अपने होठों में लेकर उनकी आवाज को दबाए हुए थे, और लंड के धक्के का दबाव उनकी बुर में इतना तेज जा रहा था, कि एक बार में पूरा का पूरा अंदर चला गया। मम्मी की आंखों से आंसू निकल गए। मम्मी तो जैसे आंख खोलने का नाम ही नहीं ले रही थी। राहुल भैया कुछ देर वैसे ही पड़े रहे, और फिर जब मम्मी थोड़ा स्थिर हुई, उसके बाद राहुल भैया धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किया।
राहुल भैया मम्मी के बुर में लगातार धक्के लगाने लगे। अब मम्मी को मजा आ रहा था। राहुल भैया मम्मी के कभी होंठ चूसते, तो कभी उनकी चूचियों को मसलते। कभी उनके गाल को चूमते।
इसी तरह कुछ देर चोदने के बाद राहुल भैया खुद नीचे लेट गए, और मम्मी को अपने ऊपर बैठा लिया, और लंड को मम्मी के बुर में डाल कर मम्मी को उछल-कूद कराने लगे। मम्मी खूब मजे लेकर आगे-पीछे कर रही थी, और उनके लंड को अपनी बुर में ले रही थी। मम्मी अपने दांतों से होठों को काट रही थी और अपने हाथों से ही खुद की चूचियों को मसल रही थी।
फिर राहुल भैया ने मम्मी को आगे की ओर झुकाया, और उनके होंठों को चूसने लगे और नीचे से ही जोर-जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिये।
कमरे से थप-थप के साथ पायल की हलकी-हलकी आवाज़ आने लगी। राहुल भैया मम्मी के होठों को लगातार चूम रहे थे, और नीचे से धक्के की बरसात किए हुए थे। फिर उन्होंने मम्मी को नीचे लिटाया और खुद ऊपर जाकर मम्मी की बुर में लगातार थक्के लगाने लगे।
ऐसे ही कुछ देर चलता रहा। फिर दोनों लिपट होकर लेट गए, और कुछ देर तक ऐसे ही लेटे रहे। हिले-डुले भी नहीं। मम्मी राहुल भैया के बालों को सहला रही थी, और राहुल भैया कभी मम्मी के गालों को चूमते, तो कभी उनकी चूचियों के साथ खेलते, और दोनों एक-दूसरे के साथ ऐसे ही लेटे-लेटे सो गए। मैं भी वहां से भाग कर अपने कमरे में आकर सो गया।
सुबह जब मैं उठा तो देखा कि राहुल भैया जा चुके थे। मम्मी उठ कर चूल्हा-चौका कर रही थी, और काफी खुश लग रही थी। मम्मी को देख कर एक अलग ही अनुभव हो रहा था। आज उनका चेहरा कुछ अलग ही चमक रहा था।
इसी तरह राहुल भैया जब भी मेले में व्यापार के लिए आते, तब वह मम्मी के साथ जरूर रुकते रात भर, और फिर सुबह होते ही निकल जाते। ऐसे ही कई दिनों तक चला। तब गांव के भैया लोग जो थे, आस पड़ोस में, उन लोगों को शक हो गया कि राहुल भैया का संबंध मेरी मम्मी के साथ था। जबकि भैया लोग खुद संबंध बनाना चाहते थे मेरी मम्मी के साथ। पर उन लोगों से ना हो पाया।
इसलिए उन लोगों ने राहुल भैया से जलन की अवस्था में रहने के कारण राहुल भैया को धमका दिया। इसके कारण राहुल भैया ने मेरे गांव में आना ही छोड़ दिया। फिर हम लोगों की जिंदगी पहले के जैसे ही चलने लगी। अगल-बगल के भैया लोग आते हैं, वही लोग मदद करते हैं, और मम्मी से हंसी-मजाक करते और मम्मी को हमेशा ही पकड़ने के फिराक में रहते है। पर मम्मी हमेशा उन लोगों से बचती रहती थी।